देवघर रोपवे हादसा: रोपवे की ट्रॉलियों में अभी फंसे हैं 15 लोग, रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार को बताया निकम्‍मा

RP, शहर और राज्य, NewsAbhiAbhiUpdated 12-04-2022 IST
देवघर रोपवे हादसा: रोपवे की ट्रॉलियों में अभी फंसे हैं 15 लोग, रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार को बताया निकम्‍मा

 रांची. देवघर रोपवे हादसे के बाद इलाके में राहत और बचाव का काम जारी है. अब NDRF के साथ सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. बचाने के लिए दो हेलीकॉप्टर से मदद ली जा रही है. 07, 19, 06, 20 नंबर ट्रालियों में अब भी मौजूद लोगों के रेस्क्यू के लिए Mi 17 हेलीकाप्टर पहुंचा. अब भी 15 लोग ट्रॉलियों में फंसे हैं. हालांकि इसी बीच झारखंड में सियासत भी तेज हो गयी है. बता दें, देवघर के त्रिकुट पर्वत पर संचालित रोप-वे का सैप टूटने के बाद यहां एक महिला की मौत और करीब 50 लोगों के घटना वाली रात हवा में लटकने की घटना ने झारखंड का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. हालांकि अब भी ट्रॉली में 15 लोग मौजूद हैं. फॉग के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में थोड़ी परेशानी हो रही है. सेना के जवान ड्रोन के जरिए ट्राली में फंसे लोगों को खाना-पानी पहुंचा रहे हैं.

डीसी और सासंद निशिकांत दुबे पूरी रात घटना स्थल पर मौजूद रहे. साथ ही प्रदेश के दो मंत्री जगन्नाथ महतो और हफीजुल हसन अंसारी कल घटना स्थल पर पहुंचे थे. इस बीच झारखंड के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा है कि रोप-वे का संचालन कर रही दामोदर वैली कंपनी को काली सूची में डालकर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. इधर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने हताहत में मरने वालों को बीस लाख और घायल लोगों को दस लाख रुपए मुआवजा सरकार से देने की मांग के साथ साथ घटना की जांच की मांग की है.

‘झारखंड की निकम्मी सरकार के कारण हवा में लटके रहे लोग’

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा झारखंड की निकम्मी और निष्क्रिय सरकार के कारण देवघर में पिछले 22 घंटे से यात्री रोपवे में हवा में लटके हुए हैं. सरकार का कोई भी प्रतिनिधि आज सुबह तक घटनास्थल पर नहीं पहुंचा. न तो आपदा मंत्री और न ही पर्यटन मंत्री, जो इसी क्षेत्र से आते हैं, वे लोग कल देवघर में ही थे. इससे यह दिखाता है कि घटना को लेकर हेमंत सरकार कितनी गंभीर है. उन्होंने कहा कि कल शाम को घटना होने के बाद एनडीआरएफ को लगाया गया था. लेकिन, कल ही समझ में आ गया था की सेना की मदद के बिना इसमें बचाव और राहत कार्य चलाना संभव नहीं है

रघुवर दास ने ने कहा कि सरकार ने लोगों के जान की परवाह नहीं की और सेना को तत्काल नहीं बुलाया. त्वरित निर्णय नहीं लेने की क्षमता का नतीजा हुआ कि रातभर यात्री हवा में लटके रहे. आज लोगों और मीडिया के दबाव में सरकार ने सेना को बुलाया. इसके बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी आई. यह बहुत ही चिंता की बात है. देश के गृहमंत्री माननीय अमित शाह पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं.

2500 फीट की ऊंचाई पर अटका केबिन

देवघर हवाई अड्‌डा प्राधिकरण की ओर से वायुसेना के इन हेलीकॉप्टर को लोकेशन दिया गया है. केबिन जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर है. लिहाजा ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. वहीं हादसे में फंसे हुए लोगों की पहचान देवघर के अमित कुमार, खुशबू कुमारी, जया कुमारी, छठी लाल शाह, कर्तव्य राम, वीर कुमार, नमन, अभिषेक, भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, अन्नु कुमारी, तनु कुमारी, डिंपल कुमार व वाहन चालक, मालदा के पुतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरव दास, नमिता, विनय दास के रूप में की गई है.

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