नई रिसर्च में चौंकाने वाले परिणाम कॉफी पीने से मौत का खतरा काफी कम

RP, लाइफस्टाइल, NewsAbhiAbhiUpdated 02-06-2022 IST
नई रिसर्च में चौंकाने वाले परिणाम कॉफी पीने से मौत का खतरा काफी कम

 सुबह उठने पर बढ़िया गरमा गरम एक कप कॉफी मिल जाए तो दिन ताजगी से भर जाता है. एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि मीठी या बगैर चीनी की कॉफी पीना मौत के खतरे को कम करता है. यूनाइटेड किंगडम में शोधार्थियों ने करीब 171,616 प्रतिभागियों की एक साल की दिनचर्या का करीब पांच बार सर्वेक्षण किया. इसमें उनकी कॉफी पीने की आदत भी शामिल थी. फिर वैज्ञानिकों ने मृत्यु प्रमाणपत्र से यह देखा कि औसतन 7 साल बाद किसका निधन हुआ. सभी प्रतिभागी 37 से 73 की उम्र के थे और किसी को भी सर्वेक्षण के दौरान दिल से जुड़ी बीमारी या कैंसर नहीं था.

सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि वह लोग जो रोजाना 1.5 से 3 कप मीठी कॉफी पीते हैं तो कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में उनमें मौत का खतरा 30 फीसद तक कम होता है. सीएनएन हेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन की एसोसियेट प्रोफेसर और एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन जरनल की उप संपादक डॉ. क्रिस्टीना वी का कहना है कि ऐसे लोग जो मीठी कॉफी नहीं पीते हैं उनमें कॉफी नहीं पीने वालों की तुलना में यही खतरा 16 से 29 फीसद तक कम होता है. सर्वेक्षण में शोधार्थियों ने कॉफी के अलावा दिनचर्या से जुड़े दूसरे सवाल भी पूछे.

चीनी मिलाने से पहले ध्यान रखें
अगर आप चीनी से भरपूर कॉपी पीना पसंद करते हैं तो यह आपके लिए फायदे का सौदा नहीं है. अध्ययन के मुताबिक,एक औसत कॉफी पीने वाला अपनी कॉफी में एक चम्मच चीनी डालता है. क्रिस्टीना कहती हैं कि अगर आप अपनी कॉफी में एक चम्मच चीनी मिला रहे हैं तो उससे कॉफी के असर को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है. ऐसे लोग जो कॉफी के साथ कृत्रिम मीठे का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें लेकर शोध में कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है.

सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी गुंआगजाउ, चीन की महामारी विज्ञान विभाग की डॉ. डेल लियु का कहना है कि इस अध्ययन के आधार पर चिकित्सक अपने रोगियों को कह सकते हैं कि कॉफी पीने वालों को इसे छोड़ने की जरूरत नहीं है. बस उच्च कैलोरी वाली कॉफी के बारे में सतर्क रहने की ज़रूरत है.

कैसे असर करती है कॉफी
पहले की शोध बताती हैं कि कॉफी पीने से दिल और दूसरी बीमारी से रक्षा होती है. लियु का कहना है कि 2021 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि यह लिवर की समस्या को भी कम करता है. कॉफी के कुछ और भी फायदे हैं. मगर यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे किस तरह उत्पादित किया जा रहा है. कुछ प्रकार की सामग्री में फिनोलिक कंपाउंड पाया जाता है जिसे फायदेमंद माना जाता है. जो रासायनिक घटक कॉफी के स्वाद औऱ खुशबू पर असर डालते हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं और इनमें एंटी इन्फ्लामेंट्री, एंटी एंजिंग तत्व भी पाए जाते हैं.

अरेबिका और रोबस्टा कॉफी के दो प्रमुख प्रकार हैं. शोध बताती है कि रोबस्टा कॉफी में फिनोलिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. बगैर भुने हुए कॉफी के हरे बीजों में फिनोलिक घटक उच्च मात्रा में मौजूद रहता है. लेकिन जब इसे बनाया जाता है तो लोग इसे भून लेते हैं जिससे इसकी खुशबू के साथ यह घटक भी कम हो जाता है. लेकिन यह सब भूनने के स्तर पर भी निर्भर करता है. इसके साथ ही आप इसे कैसे पीते हैं इस बात पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है.

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